अगर आप संगठित क्षेत्र में नौकरी कर रहे हैं और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सदस्य हैं तो मौजूदा नियमों के तहत आपको अधिकतम 7500 रुपए ही पेंशन मिल पाएगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि मौजूदा समय में इम्पलाइ प्रॉविडेंट फंड स्कीम के तहत अधिकतम वेज लिमिट 15000 रुपए है।
अगर यह लिमिट फ्यूचर में नहीं बढती है तो... आप की अधिकतम पेंशन 7500 रुपए ही होगी। .
यह है पेंशन तय करने का फार्मूला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर कोई मेंबर रिटायर होता है तो उसकी पेंशन पेंशनेबल सैलरी के आधार पर तय की जाती है। इसके लिए पिछले पांच साल की सैलरी का औसत निकाला जाता है। इस तरह से पेंशनेबल सैलरी तय होती है। पेंशन तय करने का फार्मूला है। यह फार्मूला 1995 के बाद नौकरी ज्वाइन करने वालों के लिए है। पेंशन अमाउंट = पेंशनेबल सैलरी × सेवा की अवधि/ 70...
मान लेते हैं किसी पीएफ मेंबर की पेंशनेबल सैलरी 15000 है और उसने 30 साल नौकरी की है। मौजूदा नियमों के हिसाब से उसे 2 साल का बोनस मिलेगा। इसतरह से उसकी सेवा की अवधि 32 साल हो जाएगी तो उसकी पेंशन मौजूदा फार्मूले के तहत 6858 रुपए होगी। पेंशन अमाउंट = 15000 × 32 साल/ 70 मंथली पेंशन होगी 6,858
35 साल की नौकरी तो मंथली पेंशन 7500
अगर 2 साल का बोनस जोड़ कर किसी मेंबर की नौकरी की अवधि 35 साल होती है तो उसे मौजूदा वेज लिमिट के आधार पर 7500 रुपए पेंशन मिलेगी। अगर भविष्य में सरकार वेज लिमिट को 15000 रुपए से बढ़ा कर 20,000 रुपए या 25,000 रुपए कर देती है तो इम्पलाइज पेंशन स्क्ीम के तहत 58 साल की उम्र में रिटायरमेंट पर पेंशन लिलती है या 50 साल की उम्र पूर भी अर्ली पेंशन मिलती है।
सरकार करती है पेंशन फंड में योगदान इम्पलाइ पेंशन फंड में कंपनी के मंथली कंट्रीब्यूशन का 8.33 फीसदी हिस्सा जाता है। इसके अलावा सरकार भी फंड में कर्मचारी की सैलरी का 1.16 फीसदी योगदान करती है। मौजूदा समय में इम्पलाइज पेंशन स्क्ीम के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपए है। यानी अगर किसी की पेंशन 1,000 रुपए से कम बनती है तब भी सरकार उसे हर माह 1,000 रुपए पेंशन सुनिश्चित करेगी। ...
जीवन भर मिलती है पेंशन
अगर यह लिमिट फ्यूचर में नहीं बढती है तो... आप की अधिकतम पेंशन 7500 रुपए ही होगी। .
यह है पेंशन तय करने का फार्मूला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगर कोई मेंबर रिटायर होता है तो उसकी पेंशन पेंशनेबल सैलरी के आधार पर तय की जाती है। इसके लिए पिछले पांच साल की सैलरी का औसत निकाला जाता है। इस तरह से पेंशनेबल सैलरी तय होती है। पेंशन तय करने का फार्मूला है। यह फार्मूला 1995 के बाद नौकरी ज्वाइन करने वालों के लिए है। पेंशन अमाउंट = पेंशनेबल सैलरी × सेवा की अवधि/ 70...
मान लेते हैं किसी पीएफ मेंबर की पेंशनेबल सैलरी 15000 है और उसने 30 साल नौकरी की है। मौजूदा नियमों के हिसाब से उसे 2 साल का बोनस मिलेगा। इसतरह से उसकी सेवा की अवधि 32 साल हो जाएगी तो उसकी पेंशन मौजूदा फार्मूले के तहत 6858 रुपए होगी। पेंशन अमाउंट = 15000 × 32 साल/ 70 मंथली पेंशन होगी 6,858
35 साल की नौकरी तो मंथली पेंशन 7500
अगर 2 साल का बोनस जोड़ कर किसी मेंबर की नौकरी की अवधि 35 साल होती है तो उसे मौजूदा वेज लिमिट के आधार पर 7500 रुपए पेंशन मिलेगी। अगर भविष्य में सरकार वेज लिमिट को 15000 रुपए से बढ़ा कर 20,000 रुपए या 25,000 रुपए कर देती है तो इम्पलाइज पेंशन स्क्ीम के तहत 58 साल की उम्र में रिटायरमेंट पर पेंशन लिलती है या 50 साल की उम्र पूर भी अर्ली पेंशन मिलती है।
सरकार करती है पेंशन फंड में योगदान इम्पलाइ पेंशन फंड में कंपनी के मंथली कंट्रीब्यूशन का 8.33 फीसदी हिस्सा जाता है। इसके अलावा सरकार भी फंड में कर्मचारी की सैलरी का 1.16 फीसदी योगदान करती है। मौजूदा समय में इम्पलाइज पेंशन स्क्ीम के तहत न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपए है। यानी अगर किसी की पेंशन 1,000 रुपए से कम बनती है तब भी सरकार उसे हर माह 1,000 रुपए पेंशन सुनिश्चित करेगी। ...
जीवन भर मिलती है पेंशन
इम्पलाइज पेंशन स्कीम के तहत मेंबर को रिटायमेंट के बाद जीवन भर पेंशन मिलती है। कर्मचारी की मौत के बाद उसकी पत्नी को पेंशन मिलती है।...
पत्नी की मौत के बाद दो बच्चों को 25 साल की उम्र तक पेंशन का प्रावधान है। ...
पत्नी की मौत के बाद दो बच्चों को 25 साल की उम्र तक पेंशन का प्रावधान है। ...
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