कुर्की अंग्रेजों द्वारा बनाया गया असंवैधानिक कानून है।CrPC का धारा 83 यानि कुर्की-जब्ती को किस आधार पर संवैधानिक करार दिया जा सकता है?किसी व्यक्ति के किए की सजा उसके संपत्ति को नहीं मिल सकती।ये उस व्यक्ति के मानवाधिकार का हनन के सिवाय कुछ नहीं है।कुर्की-जब्ती पुलिस द्वारा अपने नाकामी को छिपाने का जरिया है।जब आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर पाए तो उनके संपत्ति का गिरफ्तारी करने चले।आखिर पुलिस में इतनी सक्रियता क्यों नहीं और उसके संख्या का विस्तार क्यों नहीं किया जाता जिससे कुर्की करने का नौबत ही नहीं आए?अंग्रेजों ने इसलिए कुर्की का कानून बनाया था ताकि निर्दोष को फंसाने के बाद वह भाग जाए तो उसकी संपत्ति का कुर्की करने के बहाने उसे सरेंडर कराया जाए या संपत्ति को बचाने की डर से भागे ही नहीं।आपसे आग्रह है कि आप कुर्की की जगह पुलिस बल को मजबूत करने पर ध्यान दे।कल आपके आदेश के बाद कई आरोपियों का किया गया गिरफ्तारी एक सही कदम है लेकिन Prima facie यदि कोई आरोपी निर्दोष लगता है तो उसे छोड़ दिया जाए और इसके लिए इन सारे आरोपियों का जांच करने के लिए एक विशेष कमिटि बनाइए।
Tuesday 18 July 2017
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