Wednesday, 25 October 2017

सेविंग्स बैंक अकाउंट को बंद कराने की प्रक्रिया

रतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्धारित नियमों के अनुसार काम करते हैं ताकि आम लोगों को आसानी से सारी बैंकिंग सुविधाएं मिल सकें। इसके अलावा, स्वतंत्र वित्तीय संस्थान होने के नाते बैंकों को अपने बही-खाते में एक पॉजिटिव प्रोफिट मार्जिन भी रखना पड़ता है। इसीलिए बैंक, अपने रेग्युलर और कॉर्पोरेट यूजर्स को दी जानेवाली सेवाओं पर उपभोक्ताओं से तरह-तरह की फी या चार्ज लेते हैं।

अभी हाल ही में बैंकों ने अपने नुकसान कम करने के लिए एक बार ही में अपनी मिनिमम ऐवरेज बैलेंस (एमएबी) सीमा को बढ़ा दिया। सरकारी बैंकों के साथ-साथ प्राइवेट बैंक भी मिनिमम मंथली बैलेंस या ऐवरेज क्वॉटर्ली बैलेंस का पालन करने के लिए कहते हैं। एमएबी की शर्त पूरी नहीं करने पर जुर्माना और अतिरिक्त चार्ज लग सकते हैं। कई लोगों को नहीं मालूम है कि सेविंग्स बैंक अकाउंट को बंद कराने पर भी चार्ज लग सकते हैं।

आरबीआई का नियम और सेविंग्स बैंक अकाउंट को बंद कराने की प्रक्रिया 
आरबीआई ने अकाउंट बंद कराने पर लगने वाले चार्ज के बारे में कोई निश्चित दिशानिर्देश नहीं दिए हैं। बैंक अपने फाइनैंशल पोजीशन के आधार पर अकाउंट बंद कराने पर चार्ज लेने के लिए आजाद हैं। इसीलिए कुछ बैंक अन्य बैंकों की तुलना में अकाउंट बंद कराने पर थोड़ा ज्यादा चार्ज ले सकते हैं जबकि कुछ बैंक ऐसे किसी सेविंग्स बैंक अकाउंट को बंद कराने पर कोई चार्ज नहीं लेने का विकल्प भी चुन सकते हैं।

अकाउंट बंद कराने पर चार्ज क्यों लेते हैं बैंक? 

कुछ बैंक अकाउंट खोलने के दौरान दी जाने वाली तरह-तरह की सेवाओं पर होने वाले खर्च को वसूल करने के लिए उस अकाउंट को बंद कराते समय चार्ज लेते हैं। इसमें चेकबुक, डेबिट कार्ड इत्यादि जारी करने का खर्च शामिल हो सकता है।

अकाउंट बंद कराने की प्रक्रिया के बारे में जानने लायक जरूरी बातें 

अकाउंट क्लोजर चार्ज के बारे में जानें: सेविंग्स बैंक अकाउंट खोलते समय उस अकाउंट से जुड़ी सभी प्रक्रियाओं और चार्जेज के बारे में जानना जरूरी है। अलग-अलग बैंक अकाउंट बंद कराने पर अलग-अलग चार्ज लेते हैं। उदाहरण के तौर पर भारतीय स्टेट बैंक ने हाल ही में 1 साल से ज्यादा पुराने अकाउंट को बंद कराने पर लगने वाले चार्ज को हटा लिया है। इसके अलावा, एसबीआई अकाउंट खोलने के 14 दिन के भीतर किसी कारण से अकाउंट बंद कराने पर कोई चार्ज नहीं लेता है। लेकिन, यदि अकाउंट 15 दिन से लेकर 1 साल तक पुराना है तो उसे बंद कराने पर 500 रुपये चार्ज और जीएसटी टैक्स देना पड़ता है। इन सभी चार्जों के बारे में पहले से जान लेने से अकाउंट बंद कराने पर कोई चार्ज न लेने वाले या सबसे कम चार्ज लेने वाले बैंक में अकाउंट खुलवाकर इस तरह के चार्ज से बचा जा सकता है। 

सेविंग्स बैंक अकाउंट को बंद कराने की प्रक्रिया 

स्टेप 1: अनावश्यक बैंक अकाउंट में रखे पैसे को किसी अन्य अकाउंट में ट्रांसफर कर लें या पैसे निकाल लें।
स्टेप 2: बैंक ब्रांच में जाएं और अकाउंट क्लोजर फॉर्म भरकर अकाउंट बंद करने का आवेदन करें। इस फॉर्म को ऑनलाइन भी भरा जा सकता है यदि ऐसी सुविधा उपलब्ध हो।
स्टेप 3: बैंक उस अकाउंट से जुड़े बकाया चार्जेज की जांच करेगा। जरूरत के मुताबिक बैंक अकाउंट क्लोजर चार्ज लेगा। यदि कोई चार्ज बकाया नहीं है तो बैंक, सेविंग्स बैंक अकाउंट को बंद करने की मंजूरी देने से पहले अकाउंट होल्डर को या तो उस अकाउंट से जुड़े डेबिट कार्ड और चेकबुक को जमा करने के लिए कहेगा या उसे नष्ट करने के लिए कहेगा। 

Thursday, 12 October 2017

How To Register Aadhar Based E Sign At PF Unified Portal

EPFO has introduced Aadhar based E sign for approving employee KYC details. The main reason behind introducing Aadhar based E sign is there are so many difficulties in using the digital signature in unified PF portal, there are so many problems with Java installation and browser settings. Now there is no need to worry about these things, now employers can easily register their aadhar based e sign in unified PF portal. Here is the complete process on how to register Aadhar based E sign at PF unified portal.



How To Register Aadhar Based E Sign At PF Unified Portal
Steps To Register Aadhar Based E Sign At PF Unified Portal For The Employers Who Have Active DSC
Aadhar based e sign registration will be done in two cases, One is for the employers who already have active digital signature and second case is for the employers who don’t have registered digital signature in EPF portal.
The benefit for the employers who have active digital signature is they don’t need to visit EPF office to get approval for their aadhar based e sign. The remaining employers who don’t have active digital signature need to visit their regional EPF office along with request letter generated in unified PF portal.

D importance of Aadhaar card while u claim your pension

In January this year, Employees' Provident Fund Organisation (EPFO) had made it mandatory for its pensioners to provide either Aadhaar or enrolment ID to remain beneficiaries of its social security schemes. To comply with the EPFO directive, with effect from February 1, 2017, those who are eligible for pension under the Employees' Pension Scheme (form 10C - more than ten years of continuous service) must furnish their Aadhaar number. 



How can u transfer pf balance once u change ur job

Upon joining a new organisation, the employee is supposed to fill and submit details to the new employer by furnishing details in the 'Composite Declaration Form (F-11)'. Along with your basic details, it also asks for the previous UAN (Universal Account Number), if any, and previous PF number etc. 

What will happen now is that when your present employer enters the information (as per Form 11) in the employer's portal and if the UAN had been seeded with Aadhaar and bank details and had also been verified by the previous employer, it will trigger an auto-transfer process which will transfer the accumulations against the previous PF number to the new one. 


An SMS informing the subscriber about the proposed auto-transfer is sent to the registered mobile number. The auto transfer will be completed only after -


(a) The employee does not request to stop the proposed auto-transfer (either online, or through the employer or at the nearest EPFO office) within 10 days of receiving the SMS, and 

(b) The first contribution by the present employer is deposited and reconciled. Once the funds get transferred to the new PF number, a communication is sent to the employee by mobile and email. 


In nutshell, for a smooth online transfer process, here are the things every employee needs to track while changing jobs: 


* Make sure that the UAN has been seeded and verified by your employer before switching jobs. 


* After switching, submit Composite Declaration Form (F-11) to the new employer. 


* Employer uploads the information on to the employer's portal. 


* Auto-transfer initiates from previous to new PF number. 



Actual transfer happens once the initial contribution by the present employer takes place. 


however for further brief practical knowledge contact me @8920195009